KL Rahul को ग़लत आउट देने से मचा बवाल!




ऑस्ट्रेलिया हो और बेईमानी ना हो ये कैसे हो सकता है। पर्थ टेस्ट के पहले दिन लंच से पहले केएल राहुल आउट करार दिये गये। माना ये गया कि गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर पीछे विकेटकीपर अलेक्स कैरी के पास गई थी। अंपायर रिचर्ड केटलबोरो ने उसे आउट नहीं दिया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने डीआरएस का सहारा लिया। उसमें दो-तीन एंगल से देखने के बाद थर्ड अंपायर ने राहुल को आउट करार दिया। उन्होंने ये माना कि गेंद बल्ले को छू कर जा रही थी। पहले एंगल से जो दृश्य दिखाया गया था उससे ये लगा था कि गेंद और बल्ले में दूरी थी। पर फिर जब आगे से रिप्ले दिखाये गये तो ये लगा कि गेंद जब बल्ले के पास से निकली तो डीआरएस की लाइन में स्पाइक यानी स्पर्श का निशान आया था। थर्ड अंपायर ने उसे सही मान के राहुल को आउट दिया। जबकि देखने से ये साफ़ ज़ाहिर था कि राहुल का बल्ला अपने पैड से उसी समय लगा था जब गेंद बल्ले के पास थी। यानी जो डीआरएस में स्पर्श आया था वो गेंद का बल्ले छूने की वजह से नहीं बल्कि बल्ले का पैड को छूने की वजह से था। राहुल जब आउट हो के जा रहे थे तो वो निराश तो थे ही, ग़ुस्से से भी भरे हुए थे। उन्होंने अंपायरों को एक नहीं कई बार इशारा करके ये बताने की कोशिश की कि गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी थी। बल्कि उनका बल्ला उनके पैड से लगा था। लेकिन जब राहुल को आउट दे दिया गया तो उनके पास कोई और चारा नहीं था।चलिए ये माना कि आजकल मैदान पर अंपायर बेईमानी नहीं कर सकते हैं। आजकल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके आप निर्णय को सही या ग़लत साबित कर सकते हैं। पर इण्डियन फैन्स का थर्ड अंपायर पर ग़ुस्सा इस वजह से था कि उन्होंने एक साइड के एंगल का इस्तेमाल नहीं किया जिससे ये साफ़ हो जाता कि गेंद नहीं बल्कि राहुल का पैड उनके बात से लगा था। ऑस्ट्रेलिया में कई बार ऐसी दिल तोड़ने वाली घटना होती है। एक बार सचिन तेंदुलकर ने एक उठती हुई गेंद पर डक किया था लेकिन अंपायर डैरील हार्पर ने उन्हें LBW आउट करार दिया था। यानी पैर पर नहीं बल्कि छाती पर गेंद लगने पर तेंदुलकर आउट दिए गए थे। सुनील गावस्कर का 1981 का क़िस्सा तो आपको याद ही है जब गावस्कर ग़लत आउट दिए जाने से इतने ग़ुस्सा गए थे कि वो अपने साथी बैट्समैन चेतन चौहान को लेकर पवेलियन की तरफ़ चल दिए थे। यानी कप्तान की हैसियत से गावस्कर ने वो मैच ही खेलने से इनकार कर दिया था। वो तो आख़िरी लम्हे में टीम के मैनेजर ने बात सँभाली और मैच को चलने दिया नहीं तो इंडिया वो दौरा ही रद्द करने वाला था। केएल राहुल पहले दिन जिस तरह से बल्लेबाज़ी कर रहे थे उससे टीम को काफ़ी आत्मविश्वास मिल रहा था। ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया के दौरे में पहले दिन टॉस जीतके पहले खेलने का निर्णय शायद ग़लत साबित ना हो। पर टीम इंडिया के सबसे सधे हुए बल्लेबाज़ को ही आउट करके मैच का पूरा समीकरण ही बदल दिया गया है। ना केवल टीम इंडिया को नुक़सान हुआ बल्कि राहुल के करियर को भी बहुत बढ़ा झटका लगा है। राहुल अपने करियर के लिए जूझ रहे हैं, टीम इंडिया में बने रहने के लिए जूझ रहे हैं ऐसे में लोग इस बात को नहीं देखेंगे कि राहुल को ग़लत आउट दिया गया। माना ये जायेगा कि राहुल ने बनाये तो सिर्फ़ 26 ही रन ना।